Sunday, May 25, 2008

कुछ मन के ख्याल...

कितनी लगन से उसने जी होगी जिंदगी
यूँ ही नहीं हँसते हुये यहाँ दम निकलता है


इबादतें, वो बड़ी बेमिसाल होतीं हैं
इंसान जब भगवान से आगे निकलता है


जिंदगी में हार को तुम मात न समझो
इंसान ही तो यारों गिरकर संभलता है


पहली नज़र के प्यार से हमको परहेज है
कभी-कभी ही साथ यह लंबा निकलता है


खुशी की देखो गम से हो गई दोस्ती
गम में भी नहीं आँसू यहाँ अब निकलता है

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